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Hindi Kahani
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उठो लाल, अब आँखे खोलो ।
पानी लायी हूँ, मुँह धो लो ।
बीती रात कमाल-दल फूले ।
उनके ऊपर भौंरें झूले ।
चिड़ियाँ चहक उठीं पेड़ों पर ।
बहने लगी हवा अति सुंदर ।
नभ में न्यारी लाली छायी ।
नन्ही नन्ही किरणें आई,
फूल खिले कलियाँ मुस्काई।
भोर हुआ सूरज उग आया ।
जल में पड़ी सुनहरी छाया ।
ऐसा सुंदर समय न खोओ ।
मेरे प्यारे अब मत सोओ ।
(क) पुत्र (ख)
(क) गुलाब (ख) चमेली
(ग) गेंदा (घ)
(क)
(क) बादल (ख) उजाला
(ग) कालिमा (घ)
(क) चाँद (ख)
उत्तर: माँ अपने बच्चे को उठाने के लिए कह रही है ।
उत्तर: माँ पानी लेकर आई है।
उत्तर: सुबह कमल के फूल खिलते हैं, भौंरे झूलते हैं, चिड़ियाँ चहकती हैं और सूरज उगता है।
उत्तर: माँ कहती है कि उठो, मुँह धो लो और सुंदर सुबह का आनंद लो।
उत्तर: सूरज की किरणों से फूल खिलते हैं और कलियाँ मुस्कुराती हैं।
उत्तर: कविता में माँ अपने बच्चे को सवेरे जगाने के लिए कह रही है। वह कहती है कि वह पानी लायी है और अब बच्चे को उठकर मुँह धो लेना चाहिए।
उत्तर: माँ सुबह के सुंदर वातावरण का वर्णन करती है। वह बताती है कि कमल के फूल खिल चुके हैं, उन पर भौंरे झूल रहे हैं, चिड़ियाँ पेड़ों पर चहक रही हैं, हवा सुंदरता से बह रही है, और आकाश में लालिमा छा गई है।
उत्तर: इसका अर्थ है कि सुबह-सुबह सूर्य की किरणें जल पर पड़ रही हैं, जिससे पानी में सुनहरी चमक दिखाई दे रही है।
उत्तर: इस पंक्ति में बताया गया है कि सूरज की कोमल किरणें धरती पर पड़ने लगी हैं, जिससे फूल खिल गए हैं और कलियाँ मुस्करा रही हैं। इसका अर्थ है कि प्रकृति जाग चुकी है।
उत्तर: कविता का मुख्य संदेश है कि सुबह का समय बहुत सुंदर होता है, जिसे सोकर नहीं गंवाना चाहिए। माँ बच्चे से कहती है कि वह जागे और इस सुंदर सुबह का आनंद ले।
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